सोमवार, 19 जनवरी 2015

बरसों बाद आया याद

आज मुद्दत के बाद अपना ब्लाग खोला। पुराना थोड़ा बहुत जो लिखा था देखा। साथ ही यह देखा कि काफी कुछ उड़ भी चुका है या तकनीकी ज्ञान की कमी के कारण मुझ से ही उड़ गया। बहरहाल, अब सोच रहा हूं, ब्लाग लिखने की आदत फिर से डालूं, ताकि अपनी भड़ास उतार लूं...

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